Whai is Bonds in Hindi
Bond - ऋण पत्र क्या होता है
Whai is Bonds in Hindi
Bond - ऋण पत्र क्या होता है
Bonds को ऋण पत्र कहते हैं और यह कर्ज की तरह होता है
जिस तरह से जब आपको पैसे की जरूरत होती है।तब आप या तो Saving से अपनी उस जरूरत को पूरा करते हैं या फिर किसी से कर्ज लेते हैं।
ठीक उसी तरह से जब Government महत्वपूर्ण कार्यों के लिए पैसे की जरूरत होती है तो Government पैसा इकट्ठा करने के लिए bonds जारी करती है।
ठीक उसी तरह से जब Government महत्वपूर्ण कार्यों के लिए पैसे की जरूरत होती है तो Government पैसा इकट्ठा करने के लिए bonds जारी करती है।
Government को Government works के लिए financial help की जरूरत होती है तो Government,, bonds जारी करती है।
Government यह Big Investors and Public के लिए जारी करती है।
क्योकि Bonds एक पत्र {Letter} के Format में होता है, इस Letter पर Bonds की face value and price भी लिखा होता है और उस पर मिलने वाला Interest rare भी लिखा होता है।
Bonds की interest rate को Coupun भी करते हैं, यह Bonds की time period इस ऋण पत्र पर तय कर ली जाती है।
क्योकि Bonds एक पत्र {Letter} के Format में होता है, इस Letter पर Bonds की face value and price भी लिखा होता है और उस पर मिलने वाला Interest rare भी लिखा होता है।
Bonds की interest rate को Coupun भी करते हैं, यह Bonds की time period इस ऋण पत्र पर तय कर ली जाती है।
Bonds का price क्या होना है यह सभी बातें पहले ही तय कर ली जाती है।
वैसे Bonds की समयावधि यानि की time period,, 1 year से लेकर 5 year and 10 year या फिर इससे ज्यादा भी हो सकता है।
वैसे Bonds की समयावधि यानि की time period,, 1 year से लेकर 5 year and 10 year या फिर इससे ज्यादा भी हो सकता है।
Bonds की समयावधि को Maturity period भी कहते हैं।
और जब Bonds का period खत्म हो जाता है तो तय नियमों और शर्तों के अनुसार आपक आपका पैसा वापस मिल जाता है।
Bonds जारी करने का अधिकार केवल Government के पास ही नहीं है।
और जब Bonds का period खत्म हो जाता है तो तय नियमों और शर्तों के अनुसार आपक आपका पैसा वापस मिल जाता है।
Bonds जारी करने का अधिकार केवल Government के पास ही नहीं है।
Bonds जारी Private company भी कर सकती है Private company and Corporate sector भी bonds जारी कर सकती हैं।
Bonds की face value and Interest rate ठीक उसी तरह से होती है जिस तरह से Government bonds की होती है।
Bonds की face value and Interest rate ठीक उसी तरह से होती है जिस तरह से Government bonds की होती है।
Government bonds Vs Private bonds में अंतर केवल Security का होता है।
Government bonds को कई हद तक Safe and Secure माना जाता है क्योकि Bonds का पैसा govt. sector में लगाया जाता है।
Government bonds को कई हद तक Safe and Secure माना जाता है क्योकि Bonds का पैसा govt. sector में लगाया जाता है।
तो वही Private bonds को Risk full माना जाता है, क्योकि Private Companies की future की Scheme के बारे में पता नहीं होता है।
Government bonds Investment से इकट्ठा किया गया पैसा Government scheme में लगाया जाता है और इस पैसे की जिम्मेदारी पूरी तरह से Government की होती है।
Government bonds Investment से इकट्ठा किया गया पैसा Government scheme में लगाया जाता है और इस पैसे की जिम्मेदारी पूरी तरह से Government की होती है।
इसलिए Government bonds काफी safe and secure माने जाते हैं।
Government bonds को Long term Investment के तौर पर देखा जाता है।
Types of Bonds in India
1. MUNICIPAL BOND
2. CORPORATE BOND
3. SECURE BOND
4. INSECURE BOND
5. ZERO COUPON BOND
6. PERPETUAL BOND
7. INFLATION LINKED BOND
8. CALLABLE BOND
9. CONVERTIBLE BOND
10 LONG TERM INVESTMENT
1. Muncipal Bonds in Hindi
जब Local govt. को अपने Project करने, School and Road बनाने and Govt. works के लिए पैसे की जरूरत होती है।तो ऐसी स्थिति में Local Govt. भी bonds जारी कर सकती है. इस तरह के bonds को Municipal bonds कहते हैं।
यह भी काफी safe and secure होते हैं और इन पर भी best interest rate मिल जाती है।
Corporate bonds पर interest rate high होता है. इसमें आपको Shares की तरह Company में हिस्सेदारी नहीं मिलती है।
2. Corporate Bonds in Hindi
वह bonds होते है जो Private sector के जरिए जारी किये जाते हैं. Corporate sector तब bonds जारी करती है जब उन्हें कर्ज की जरूरत होती है।Corporate bonds पर interest rate high होता है. इसमें आपको Shares की तरह Company में हिस्सेदारी नहीं मिलती है।
3. Secure Bonds in Hindi
ऐसे bonds होते है जिनमें आपका पैसा safe and secure होता है।मतलब कि अगर आपने किसी Company के bonds पर अपना पैसा लगाया है और वह company लगातार घाटे में चल रही है तो इस स्थिति में भी आपको आपका पैसा तय किये गए हिसाब से ही मिलेगा।
अगर Company ऐसा करने से मना करती है तो आप उस Company पर Case कर सकते हैं. Company को आपका पैसा वापस करना ही पड़ेगा।
अगर Company ऐसा करने से मना करती है तो आप उस Company पर Case कर सकते हैं. Company को आपका पैसा वापस करना ही पड़ेगा।
4. Insecure Bonds in Hindi
ऐसे bonds काफी Risky होते हैं।इसमें अगर Cmpany घाटे में है या मुनाफा कमाती है और वह आपका पैसा Return नहीं करना चाहती है तो इसमें आप Company के खिलाफ कोई Action नहीं ले सकते हैं।
Insecure bond पर high interest rate होता है इसलिए लोग Insecure bond में पैसा Investment करने का Risk उठा लेते हैं.
Insecure bond पर high interest rate होता है इसलिए लोग Insecure bond में पैसा Investment करने का Risk उठा लेते हैं.
5. Zero Coupon Bonds in Hindi
ऐसे bonds में Company आपको कोई Interest नहीं देती है. इसमें Profit अलग तरह से कमाया जाता है।अगर किसी Company के Bonds की price value 1000 है और वह Zero coupon bond है।
तो आप उस bonds को 900 में खरीद सकते हैं. 100 रूपये इस bondsपर आपका profit कमाया जाता है।
6. Perpetual Bonds in Hindi
इस तरह के bonds को लोग काफी like करते हैं. Perpetual bond में ज्यादा Terms and Condition नहीं होती हैं।Perpetual bond को आप long term and Short term के लिए रख सकते हैं, इसमें interest rate भी काफी अच्छा होता है।
आपके द्वारा Bonds Investment से आपको company में हिस्सेदारी मिलती है।
आपके द्वारा Bonds Investment से आपको company में हिस्सेदारी मिलती है।
यह Shares की तरह होते हैं. यानि जितने bonds आपने खरीदें होंगे Company पर उतने percentage का आपका मालिकाना हक़ मिलती है।
Companyअगर short term में high profit कमा लेती है अगर वह चाहती है कि लिया गया कर्ज जल्दी ही वापस कर दिया जाए तो वह कर सकती है।
इस स्थिति में आपको Company को bond वापस करना ही होगा आप ऐसा करने से मना नहीं कर सकते हैं।
7. Inflation Linked Bonds in Hindi
इस तरह के Bonds का Interest rate महंगाई की चाल पर निर्भर करता है. महंगाई के हिसाब से आपके Bonds पर Interest घटता-बढ़ता रहता है।8. Callable Bonds in Hindi
इस तरह के Bonds में अगर Company तय समय से पहले ही अपने द्वारा जारी किये गए bond को वापस खरीदना चाहती है तो वह ऐसा Callable bond के अंर्तगत कर सकती है।Companyअगर short term में high profit कमा लेती है अगर वह चाहती है कि लिया गया कर्ज जल्दी ही वापस कर दिया जाए तो वह कर सकती है।
इस स्थिति में आपको Company को bond वापस करना ही होगा आप ऐसा करने से मना नहीं कर सकते हैं।
9. Convertible Bonds in Hindi
इस bond में आप अगर किसी Company में हिस्सेदारी लेना चाहते हैं।यानि किसी Company के Shareholder बनना चाहते हैं तो आप अपने bonds को Stock में बदल सकते हैं।
अगर आपके पास Company के कुछ bonds है तो आप उन्हें Shares में बदलकर Shareholder बन सकते हैं।
10. Long Term Investment Bonds in Hindi
इस तरह के Bonds में अगर आप Government bonds Investment करना चाहते हैं तो पहले Research करें और इसके बाद आप bonds में Investment कर सकते हैं।जानिए मेरे इस Blog में आपको क्या-क्या जानकारी मिलेगी
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