Company क्या है ये कितने प्रकार के होते हैं इनके लाभ क्या हैTypes of Company in Hindi
Company को Market capital के आधार पर 3 भागो में बाटा जाता है
Company क्या है ये कितने प्रकार के होते हैं इनके लाभ क्या है
Types of Company in Hindi
Company को Market capital के आधार पर 3 भागो में बाटा जाता है
1. Small Cap Companies
2. Middle Cap Companies
3. Large Cap Companies
1. Small Cap Companies जिन Companies का Market Capitalization 1000 crore तक होता है।
वे सभी Companies,, Small Cap Companies की Category में आते है।
2. Mid Cap Companies जिन Companies का Market Capitalization 1000 crore से 10000 crore तक होता है।
वे सभी Companies,, Middle Cap Companies की Category में आते है।
3. Large Cap Companies जिन Companies का Market Capitalization 10000 crore से ज्यादा होता है।
वे सभी Companies,, Large Cap Companies की Category में आते है।Types of Company in India
1. Private Limited Company
2. Partnership Company
3. Limited Liability Partnership Company
4. Proprietorship Company
5. One Person Company
6. Joint Hindu Family
7. Public company
3. Large Cap Companies जिन Companies का Market Capitalization 10000 crore से ज्यादा होता है।
वे सभी Companies,, Large Cap Companies की Category में आते है।
Types of Company in India
2. Partnership Company
3. Limited Liability Partnership Company
4. Proprietorship Company
5. One Person Company
6. Joint Hindu Family
7. Public company
1. Private Limited Company in India
India में एक बहुत ही प्रगतिशील business entities की forms में से एक मानी जाती है।इसमें सदस्यों के business assets और personal assets अलग होते है,
इसमें कम से कम 2 और ज्यादा से ज्यादा 15 directors हो सकते है, और shareholders 2 से 200 तक ही हो सकती है
MOA and AOA में company की सारे कार्य क्षेत्र के प्रति नियम एवं शर्तें वर्णित होती है।
इसमें कम से कम 2 और ज्यादा से ज्यादा 15 directors हो सकते है, और shareholders 2 से 200 तक ही हो सकती है
MOA and AOA में company की सारे कार्य क्षेत्र के प्रति नियम एवं शर्तें वर्णित होती है।
Financial transaction and Board meeting और annul reports etc. के Records बनाने जरूरी है।
Companies Act 2013 के अंतर्गत Private Limited company का Registration, करना जरूरी होता है।
3 प्रकार Private Company Registration से कराते है
A. अंश से सीमित company अंश धारी व्यक्ति का दायित्व केवल अंश की कीमत जितना ही होता है।यदि अंश की कीमत paid नहीं है, तो वह उसकी कीमत paid करके अपना दायित्व पूरा कर सकता है।
B. Guarantee से सीमित Company Company wound-Up या हम कह सकते है।
B. Guarantee से सीमित Company Company wound-Up या हम कह सकते है।
Company बंद होने की दशा में सदस्य द्वारा company के assets में स्वीकृत योगदान राशि तक उसका दायित्व होता है
C. Unlimited Company इसमें एक company सदस्यों के दायित्वों की कोई भी सीमा नहीं होती
Indian Partnership Act, 1932 के अंतर्गत सभी Partners को एक Partnership deed sign करनी होती है।
C. Unlimited Company इसमें एक company सदस्यों के दायित्वों की कोई भी सीमा नहीं होती
2. Partnership Company in India
Partnership Business इकाई Sole proprietorship की जैसी ही होती है, इसमें 2 या 2 से अधिक व्यक्ति मिलकर किसी business या company को चला रहे होते है।Indian Partnership Act, 1932 के अंतर्गत सभी Partners को एक Partnership deed sign करनी होती है।
जिसमे business की सभी शर्तों और नियम लिखे होते है, तथा partners के shares और liability का भी विवरण होता है
3. Limited Liability Partnership Company in India
Limited liability Partnership Act. 2008 में संसद में पारित किया गया है।यह business entities limited liability partnership business की flexibility प्रदान करता है,
इसमें business और सदस्यों की पहचान क़ानूनी तौर पर अलग-अलग होती है और business के assets और सदस्यों assets भी अलग अलग होते है।
मतलब,, कभी हानि की दशा में Company के सदस्य अपने define shares की value से ज्यादा Risk नहीं ले सकते है।
इसमें business और सदस्यों की पहचान क़ानूनी तौर पर अलग-अलग होती है और business के assets और सदस्यों assets भी अलग अलग होते है।
मतलब,, कभी हानि की दशा में Company के सदस्य अपने define shares की value से ज्यादा Risk नहीं ले सकते है।
Investors, Limited Liability,, Companies को partnerships और sole proprietorship से ज्यादा पसंद करते है।
क्योंकि यह Financial transaction, Tax records, Annul reports, Incorporation records etc. अच्छी तरह Maintain करती है।
Limited liability partnership registration भारत में सबसे आसान business form है।
क्योंकि यह Financial transaction, Tax records, Annul reports, Incorporation records etc. अच्छी तरह Maintain करती है।
Limited liability partnership registration भारत में सबसे आसान business form है।
Limited liability partnership registration में औसतन 15-20 working days लग जाते है।
4. Proprietorship Company in India
एक Individual के नाम पर business registered कराना sole proprietorship business होता है।इसमें एक single व्यक्ति ही पूरे business के लिए जिम्मेदार होता है और मालिक और business अलग अलग नहीं होते है।
एक ही मालिक profits and losses और funds सभी कुछ देखता है, इसमें Accounting का कोई कठिन नियम नहीं है।
Personal Assets and Business Assets अलग अलग नहीं होते है, Business से Profit को मालिक के taxation में भी दिखाई जाता है।
एक ही मालिक profits and losses और funds सभी कुछ देखता है, इसमें Accounting का कोई कठिन नियम नहीं है।
Personal Assets and Business Assets अलग अलग नहीं होते है, Business से Profit को मालिक के taxation में भी दिखाई जाता है।
5. One Person Company in India
यह एक नई Form है, यह Companies Act, 2013 के अंतर्गत उन entrepreneurs को support करती है।जो अपने दम पर जोखिम लेकर business शुरू करते है Company में केवल एक व्यक्ति ही सदस्य होता है,
6. Joint Hindu Family in India
इस Company में Family का मुख्य व्यक्ति ही Company का मालिक होता है, और बाकी लोग सदस्य होते है7. Public Company in India
Public Company में maximum capital 500000 रुपए या इससे अधिक होनी चाहिए।इसमें public को shares के लिए Invite करना होता है, इसमें कम से कम 7 सदस्य होने ही चाहिए।
Note Public Company के नाम के अंत में “Limited” ज़रुर लगाना होता है।
Note Public Company के नाम के अंत में “Limited” ज़रुर लगाना होता है।
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