Mutual Funds Expenses Ratio क्या है ये कैसे काम करते हैं
Mutual fund को manage करने का Work एक Professional fund manager के द्वारा होता है।
जो Company,, mutual fund को manage करती है AMC (Assets management company) कहते हैं।
AMC Public and Investors से पैसा जुटाती है और पैसे को Equity and debt financing में Investment करती है।
Stock market के बारे में जो नहीं जानते हैं, उनके लिए mutual fund का investment एक best option है।
AMC,, mutual fund को manage करने के बदले में आपसे कुछ fee's charge करती है।
जिसे expenses ratio कहते हैं।
Mutual fund scheme में होने वाले सभी खर्चों को Expenses ratio कहते हैं।
Expenses ratio में आपको यह पता लगता है, कि किसी mutual fund में management के per unit का क्या Expenses है।
Mutual fund बेचते हैं, तो आपको Profit पर Tax लगता है, Mutual fund पर Tax केवल Profit पर लगता है Mutual fund,, Investment पर कोई Tax नहीं देना होता है।Tax केवल Mutual funds की Units को बेचने पर लगता है जब तक Mutual funds नहीं बेचते, तब तक कोई tax liability नहीं लगता है।
जब भी कोई Mutual fund,, Investment करते हैं तो उसका Performance जरूर देखते है, आपको यही लगता होगा कि अगर Fund का Return 15-18 percent है।
तो आपको भी Investment करने पर उतना ही profit होगा, but ऐसा नहीं होता है।
जितना Fund का performance होता है, इसमें काम करता है।
Mutual fund Expert हमेशा Investors को सलाह देते हैं कि Mutual fund Investment के पहले Fund का Expenses Ratio देखना चाहिए।
Mutual Funds Expenses Ratio in Hindi
Mutual Fund को Manage करने के लिए Mutual fund Company के काम के Expenses होते हैं।Fund house में Experts की Team होती है जो Market पर नजर रखती है।
Expenses ratio,, Mutual fund Company के द्वारा ली जा रही एक सालाना Fees होती है,
यह per unit आने वाले खर्च को बताता है।
इसलिए fund में invest करते समय आपको expenses ratio जरूर देखना चाहिए।
Expenses ratio,, Mutual fund Company के द्वारा ली जा रही एक सालाना Fees होती है,
यह per unit आने वाले खर्च को बताता है।
इसलिए fund में invest करते समय आपको expenses ratio जरूर देखना चाहिए।
किसी भी fund के Expenses ratio से ही ये तय होता है कि कोई fund आपको कितना कम या ज्यादा Price मिलेगा।
वहीं, Expenses ratio के कम या ज्यादा होने का सीधा असर आपके Return and Profit पर भी पड़ता है Mutual fund के Management पर जो भी खर्च आता है।
इसी खर्च का अनुपात Expenses ratio कहलाता है।
Example आपने Investment के लिए कोई mutual fund चुना है।
जिसका expenses ratio 1.8 percent है. वहीं, आपने इसमें 100000 का investment किया है।
इसका मतलब हुआ कि इस fund के management के लिए आपको सालाना 1800 चुकाने होंगे।
इसी तरह से अगर इस fund ने कुल 16 percent Return दिया है, तो आपको 14.2 percent असल में Return मिलेगा।
इसी के विपरीत अगर इसका Expenses ratio 2.6 percent होता तो आपको इसके management के लिए 1600 सालाना fess देनी होती है।
और Return भी 14.4 percent ही मिलता है।
Note Expenses ratio जितना ज्यादा होगा, आपका खर्च उतना ही ज्यादा बढ़ता है।
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