What is Short Selling in Stock market
Share Market में Short Selling से पैसे कैसे कमाएं
क्या Stocks के Price कम होने पर भी लाभ कमाया जाता है,
इस Concept में पहले Share बेचा जाता है और बाद में Share ख़रीदा जाता है, और Share के Price में कमी आने से भी Profit कमाया जाता है।
हम सभी यही जानते है, कि Share market में Share कर Buy और Share Sell कर Profit कमाया जाता है।
यानी Share market में Profit कमाने के लिए Stocks को Low Price में खरीदो और High Price में बेचो,
और इस तरह हमें पहले Share कम price में खरीदना होता है, और बाद में Share का price बढ़ जाने पर उसे high price में sell कर profit कमाया जाता है।
लेकिन Stock market में इसके ठीक उल्टा एक concept है, जिसे कहते है “Short selling”
Short selling के इस Concept में अगर कोई Stock मेरे पास नहीं भी है।
और इस तरह हमें पहले Share कम price में खरीदना होता है, और बाद में Share का price बढ़ जाने पर उसे high price में sell कर profit कमाया जाता है।
लेकिन Stock market में इसके ठीक उल्टा एक concept है, जिसे कहते है “Short selling”
Short selling के इस Concept में अगर कोई Stock मेरे पास नहीं भी है।
तो भी अगर मै चाहू तो उस Stock पहले बेचने का Order दे सकता हूँ, और Profit कमा सकता हूँ।
Share market में profit कमाने के लिए जरुरी नहीं कि share का price बढेगा तभी profit कमाएंगे।
Share market में profit कमाने के लिए जरुरी नहीं कि share का price बढेगा तभी profit कमाएंगे।
बल्कि किसी share के price गिरने पर बहुत अच्छा price कमाया जा सकता है।
जी हाँ अगर किसी share का price गिर रहा है, तो भी आप उसमे profit कमा सकते है।
Share का price गिरने पर profit कमाने के लिए, आपको share को पहले high price पर बेचना होता है।
भले ही आपके पास वो share हो या नहीं, और बाद में जब share का price गिर जाता है, तो उसे कम price में वापस खरीदना होता है।
आप इस तरह पहले जब कोई Stock बेचते है, और बाद में ख़रीदते है, तो इसे Short Selling कहा जाता है।
Short Selling में Profit and Loss कब होता है
जब हम share को high price पर sell करके, बाद में जैसे ही share का price गिरे उसे Low price में खरीद ले,1. For example आपको पता है कि Abc के share का price गिरने वाला है।
तो ऐसे case में जब price गिरने वाला है तो भी आप Abc के share में short selling कर पैसे कमा सकते हैं
इसके लिए आपको पहले Abc के share को high price पर बेचना होगा, और जैसे ही Abc के share का price गिरे तो आपको उस Share को low price पर खरीदना होगा।
2. For example आपने Abc के 10 share को आपने पहले 100 rs के price से पहले बेच दिया, और आपके बेचने के बाद जैसा आपने सोचा था, Abc का price गिर जाता है।
और ये 95 rs हो जाता है, तो जैसे ही 95 rs हुआ आपने Abc के 10 share 95 rs के price से खरीद लिया।
इस तरह आपने कुल कितने मूल्य का बेचा = 100 x 10 = 1000 और कुल कितने का ख़रीदा = 95 x 10 = 950
तो इस तरह short selling में होने वाला लाभ होगा : 1000 (sell) – 950 (purchase) = 50 (profit) LOSS ON SHORT SELLING
इसके लिए आपको पहले Abc के share को high price पर बेचना होगा, और जैसे ही Abc के share का price गिरे तो आपको उस Share को low price पर खरीदना होगा।
2. For example आपने Abc के 10 share को आपने पहले 100 rs के price से पहले बेच दिया, और आपके बेचने के बाद जैसा आपने सोचा था, Abc का price गिर जाता है।
और ये 95 rs हो जाता है, तो जैसे ही 95 rs हुआ आपने Abc के 10 share 95 rs के price से खरीद लिया।
इस तरह आपने कुल कितने मूल्य का बेचा = 100 x 10 = 1000 और कुल कितने का ख़रीदा = 95 x 10 = 950
तो इस तरह short selling में होने वाला लाभ होगा : 1000 (sell) – 950 (purchase) = 50 (profit) LOSS ON SHORT SELLING
Aapko Short Selling Me Loss Kab Hota Hai Short selling में आपक loss तब होता है।
जब आप share को high price पर sell करके,
आपके सोच कि अनुसार share का price गिरता नहीं है।
आपके सोच कि अनुसार share का price गिरता नहीं है।
और आपने जितने में उसे बेचा उस से ऊपर चला जाता है।
तो ऐसे में आपको अपनी Short selling के Transaction को Complete करने के लिए high price पर भी shares खरीदना ही पड़ता है।
क्योकि आपने जिसको Share पहले बेचा है, उसे तो Share आपको तय समय में देने ही पड़ेंगे। नहीं तो आपका Transaction पूरा नहीं होगा।
तो इस तरह जब आप high price पर share को sell कर देते है।
और उसे sell price से भी ऊपर के high price पर आपको वापस share खरीदना पड़ता है, तो ऐसे में आपको loss होता है।
For example आपको पता चला कि Abc के share का price गिरने वाला है।
For example आपको पता चला कि Abc के share का price गिरने वाला है।
और आपने सोचा कि short selling करके लाभ कमाते है , और इसके लिए आपने Abc 10 share को आपने पहले 100 rs के price से पहले बेच दिया।
और आपके बेचने के बाद जैसा आपने सोचा था, वैसा नहीं हुआ और Abc के share का price गिरने के बजाये, price ऊपर चला 105 rs हो जाता है।
और आपको अपने Transaction को दिन के अंत में Complete भी करना है।
तो आपको अपने Transaction को Complete करने के लिए मजबूरन Abc के share को 105 rs पर खरीदना होगा,
और इस तरह आपने पहले बेचा 100 rs पर, और बाद में ख़रीदा 105 rs से, तो आपको प्रति Share 5 rs का loss हुआ।
Note Short selling एक Incomplete Transaction होता है।
और वो तभी Complete होता है, जब आप बेचे गए Share खरीद लेते है।
और इस तरह आपने पहले बेचा 100 rs पर, और बाद में ख़रीदा 105 rs से, तो आपको प्रति Share 5 rs का loss हुआ।
Note Short selling एक Incomplete Transaction होता है।
और वो तभी Complete होता है, जब आप बेचे गए Share खरीद लेते है।
और इस तरह आपको तय समय के अन्दर अपने Transaction को अनिवार्य रूप से Complete करना होता है।
और इसी अनिवार्यता के कारण आपको मज़बूरी में Share का high price होने पर भी खरीदना होता है।
ताकि आपका transaction complete हो जाये, But जब आप ऐसा करते है, तो आपको loss भी हो जाता है।
Short Selling कब और कैसे किया जाता है
Short Selling Kitne Tarike Se Kar Sakte Hain1. Intra day short selling and Equity Positional Short selling
2. Future and Option
1. Intra day में Short selling आम तौर पर किसी Particular Stock के सम्बन्ध में intra day trading किया जाता है।
यानी आपने आज ही share को बेचा और आज ही share को Share market Close होने से पहले ख़रीदा और अपने Transaction को Complete कर लिया।
Note अगर आप किसी वजह से Share को पहले short sell करने के बाद उस Transaction को Complete नहीं करते है।
यानी आपने Stocks को बेच दिया short sell कर दिया, But उसे खरीदना भूल जाते है।
तो ऐसे में आपने जिसको Share बेचा है, उसको Share कि Delivery नहीं मिल पायेगी।
और Stock Exchange इस Transactions में आपको short selling का Defaulter मानते हुए, आपको fine and penalty देना पड़ सकता है।
इसलिए जब short selling करे तो ध्यान रखे, कि आप Transaction को समय के अन्दर Complete कर लें।
2. Future and Option में Short selling बहुत ही Popular है।
क्योकि इसमें आप intra day के साथ-साथ अपनी short selling position को expiry date जो की महीने का आखिरी गुरुवार होता है।
तब तक अपनी short position को carry कर सकते हैं।
Short selling का purpose होता है, Hedging, जिसे हम अपनी Investment कि सुरक्षा भी कह सकते है।
Stock market में short term में Market बहुत सारे उतार-चढ़ाव देखने को मिलते है।
इन उतार-चढ़ाव से बचने के लिए हमें अपनी Portfolio कि सुरक्षा करने होती है, जिसे Hedging कहते है।
और portfolio कि short term में उतार-चढाव से सुरक्षा के लिए Hedging का Use किया जाता है।
और portfolio कि short term में उतार-चढाव से सुरक्षा के लिए Hedging का Use किया जाता है।
और Hedging के लिए short selling बहुत अच्छा काम करता है।
For example मेरे पास Abc के 100000 rs के share है, और किसी दिन पता चलता है कि Share market में Abc के price गिरने वाले है।
But ऐसा सिर्फ अनुमान है, जरुरी नहीं कि Stock का price गिरे ही, लेकिन अगर Abc के price जितने Rupees से गिरेंगे, तो उसमे उतना हमारा loss होगा।
तो इस loss से बचने के लिए, मै Abc के Future का short selling का सहारा ले सकता हूँ।
For example मेरे पास Abc के 100000 rs के share है, और किसी दिन पता चलता है कि Share market में Abc के price गिरने वाले है।
But ऐसा सिर्फ अनुमान है, जरुरी नहीं कि Stock का price गिरे ही, लेकिन अगर Abc के price जितने Rupees से गिरेंगे, तो उसमे उतना हमारा loss होगा।
तो इस loss से बचने के लिए, मै Abc के Future का short selling का सहारा ले सकता हूँ।
और short selling में जो भी profit होगा, वो मेरे Share Investment पर होने वाले Loss कि भरपाई करता है,
तो इस तरह short selling का मकसद है।
अपने Long term के Investment पर loss कि भरपाई, यानि Portfolio Hedging लेकिन आजकल लोग इसका ज्यादा Use सट्टा लगाने (Speculation) में ही कर रहे है।
अपने Long term के Investment पर loss कि भरपाई, यानि Portfolio Hedging लेकिन आजकल लोग इसका ज्यादा Use सट्टा लगाने (Speculation) में ही कर रहे है।
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