Stock Market में Best Share चुनने के तरीके
हम आप में से बहुत से लोग Stock Market and Mutual funds Investment से अमीर बनने के सपने देखते रहते हैं। लेकिन बहुत से लोग पैसा कमाने के बजाय यहां पर अपना पैसा गवां भी देते हैं।
आप मेरी बात पर जरूर ध्यान दें कि जहाँ पर भी पैसा कमाने की बात आती है।
तो उसका कोई भी आसान तरीका नहीं होता है पैसा कमाने के लिए आपको मेहनत तो करनी ही होती हैं।
Stock market से बहुत पैसा कमाने के लिए आपको बहुत मेहनत करनी होगी।
Indian Stock Market में अधिकतर लोग Share किसी के Stock Broker and Financial Advisor के सलाह पर ही ख़रीदते हैं।
केवल किसी Stock broker and Financial Advisor की Tips and Advice लेकर Share खरीद लेना आपको नुकसान दे सकता हैं।
अगर केवल Advice के आधार Share खरीदने और बेचने लगे तो, Market से सभी व्यक्ति अमीर बन जाये।
इसलिए आपको Share खरीदते और बेचते समय आपको कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए।
Stock market में दो कारणों से Share खरीदा और बेचा जाता है
Stock Trading Regular किसी Stock को ख़रीदना और बेचना
Stock Investment Long term के लिए Stock में Invest करना
1. सही Sector की पहचान करें
Share market में हजारों Companies हैं। उनमे से आपके लिए अच्छा Share चुनना बहुत मुश्किल होता हैं।
सबसे पहले आप उस Sector की पहचान करे जिसमें आपको Growth की संभावनाएं नजर आ रही हैं।
For example Banking Sector, Farma Sector, FMCG Sector etc.
आज के इस बदलते हुए ज़माने के साथ पुराने Products लाने वाली Company को नजर-अंदाज करें।
आप हमेशा ऐसे Sector की Company का चुनाव करे जिसका भविष्य में Business बढ़ने की संभावनाएं हो।
इसके लिए आपको उस Company के Business Model को समझने की जरुरत है।
आप उस Company द्वारा बनाये जाने वाले Products के बारे में सोचिये क्या लोग उन्हें आने वाले 15 से 20 साल बाद भी प्रयोग करेंगे।
Company के Business Model को समझे, बहुत से Investors बिना कुछ सोचे समझे Stock Tips के आधार पर किसी भी Company के Shares को खरीद लेते हैं।
उन्हें यह तक भी पता नहीं होता कि Company वास्तव में क्या Business करती है।
किसी Company के Stock खरीदना यानि की आप उस Business में अपना पैसा लगा रहे होते हैं।
इसलिए आपको पता होना चाहिए की Company आपके पैसे का आखिर क्या कर रही हैं।
अगर आप Company के Business Model को अच्छे तरीके से नहीं समझेंगे, तो फिर आपको Company के द्वारा किए जाने वाले कार्य व उत्पाद परिवर्तन समझ नहीं आएंगे।
इसकी वजह से आप Company के वर्तमान व भविष्य के हालात का अनुमान लगाने में मुश्किल का सामना कर सकते हैं।
हमेशा इस बात का ध्यान रखें की Company क्या Business करती है क्या Products बनाती है।
2. Company Financial Data देखें
आपको जो भी Share अच्छा लगा हो, उस Stock के पिछले 3 से 5 वर्ष के Financial Data को जरूर देखे।
इस स्तिथि में आपको Balance Sheet, Income Statement, Cash Flow और Financial Report देखने चाहिए।
Balance Sheet देखें
Company के Reserve and Surplus को देखें,
इसमें आप देखे की कहीं Company Reserve and Surplus में पिछले कुछ वर्षो से कमी तो नहीं आ रही है।
Company के Liabilities को देखे
अगर किसी Company के Liabilities कम है तो अच्छा माना जाता हैं।
Company के Fixed Asset and Current Assets का मूल्य देखें। पिछले 3-5 वर्षो में देखे कहीं इनके मूल्य में गिरावट तो नहीं आ रही हैं।
Income Statement and Profit and Loss Account देखें
इसमें Company के पिछले 3-5 वर्ष के sales को देखे। Sales में अगर वृद्धि हो रही हैं तो इसका मतलब हैं की Company के Products में लोगो को पसंद आ रही है।
Company के Net Profit को देखें
Net Profit में पिछले कुछ सालों का विवरण देखे। अगर लाभ वर्ष दर वर्ष बढ़ रहा हैं तो ये Company के Stock के लिए बहुत ही बढ़िया हैं।
Cash Flow देखें
किसी भी Company में 3 प्रकार से cash flow होता होता हैं।
1. Operating
2. Investing
3. Financing
Company के पास Positive Cash Flow होना जरुरी हैं।
इसलिए पिछले कुछ समय के Cash Flow के Data को Check करें।
Company में कुछ Free Cash Flow की मात्रा भी होनी चाहिए।
Free Cash Flow Company के Cash Out-flow के बाद बचने वाला Free Cash होता हैं। यह जितना अधिक होगा Business के लिए उतना फायदेमंद होगा।
3. EPS - Earning Per Share in Hindi
EPS का मतलब होता है कि Company के net profit में से Company के प्रत्येक stock को कितना हिस्सा मिलेगा।
EPS का सीधा संबंध Company के Profit से है। अगर EPS अच्छा है।
तो इसका मतलब है कि Company अच्छा Profit कमा रही है। आप EPS को वार्षिक या मासिक आधार पर जरूर देखे।
हम इस EPS को एक Example की मदद से समझते हैं।
Example ABC Ltd. Company के पास 100 Stocks हैं, उसमे से 1 share आपके पास हैं। यदि वह company साल भर के ₹1000 कमाती हैं।
तो उस company का EPS यानि की Earning Per Share होगा = ₹1000÷100 share = ₹10 per share
Negative EPS वाले Stock में आप ना ही Investment करे तो अच्छा होगा।
4. P/E Ratio – Price Earning Ratio in Hindi
P/E यानि Price to Earning Ratio. इस Ratio को Company के 1 Share की market price में EPS का भाग देकर निकाला जाता है।
P/E Ratio = Market Price Per Share / EPS
ऊपर दिए गए Example 1 में ABC Ltd. Company का EPS ₹10 प्रति Share हैं।
अगर इस Company की Current Market Price ₹200 हो तो Company का P/E Ratio होगा।
P/E Ratio = ₹200 / ₹10 = 20
इस में P/E Ratio – 20 यानी की एक वर्ष में ₹10 कमाने के लिए आपको 20 गुना पैसे Company को देने होंगे।
अतः आपको एक Share के लिए ₹200 देने होंगे।
यहाँ आपको Company का P/E Ratio 20 दिखाई दे रहा है। इसे आप कैसे तय करेंगे की यह Stock सस्ता हैं या महंगा है।
इसके लिए आपको सम्बंधित Company की Industry and Sector का P/E देखना होगा।
मान लेते हैं की ABV Ltd. Auto sector की company हैं और auto sector का वर्तमान में 30 का P/E चल रहा हैं।
इसका मतलब हुआ की ABC Ltd. का share आपको Sector के P/E को देखते हुए सस्ता मिल रहा हैं।
किसी New Investors के द्वारा आमतौर पर कम P/E Ratio वाले Share को Under Valude और,
ज्यादा P/E Ratio वाले Share को Over Valude समझा जाता है, यह बात आंशिक रूप से सही भी है।
परंतु प्रत्येक कम P/E Ratio वाला Share सस्ता हो, यह भी जरूरी नहीं होता है।
P/E Ratio कम होने के दो मुख्य कारण हो सकते हैं। या तो Share undervalued हैं या Company में Investors का खास रुझान नहीं हैं।
अगर किसी Company के Share का P/E Ratio कम हैं तो उस Stock के P/E कम होने का कारण अवश्य पता कीजिये।
P/E Ratio की सीमाएं
P/E Ratio किसी भी Company के Stock को चुनने में महत्वपूर्ण Ratio होता हैं परन्तु ये Ratio सभी जगह काम नहीं आता। इसकी कुछ सीमाएं भी हैं।
अगर कोई New Company है और हाल में Profit नहीं कमा पा रही या Loss में है तो इन Companies को P/E Ratio से Value नहीं किया जा सकता हैं।
जिन Companies की earning अस्थिर रहती हैं वहां पर भी P/E Ratio कुछ खास मायने नहीं रखता हैं।
5. ROE और ROCE देखें
यह दोनों Ratio किसी भी Company के Shares चुनते समय समय सबसे महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
यह Ratio आपको बताते हैं की लगाई हुई Equity या Capital पर कितना Return प्राप्त हो रहा हैं।
ROE – Return on Equity Ratio आपको बताता हैं की Company अपने Equity पर कितना पैसा या Return बना रहा हैं।
मतलब कि Company के लगाए पैसे पर कितना पैसा बन रहा हैं।
Example ABC Ltd. में ₹100 की Share Capital हैं और ₹100 के Reserve हैं। Company की कुल Equity हुई ₹200.
माना की इस साल Company का Net Profit रहा ₹200. तो यहाँ ABC Ltd. का ROE होगा
[ROE = Net Profit / Total Equity] ₹200 / ₹200 = 100%
ROCE – Return on Capital Employed Ratio बताता हैं की Company ने अपने कुल लगाए हुए पैसो या Investment पर कितना Return कमाया हैं।
Example ABC Ltd. में ₹100 की Share Capital हैं और ₹100 के Reserve हैं।
इसके अलावा Company ने ₹100 का Loan भी लिया हैं।
यहाँ Company के द्वारा लगाई हुई Capital हुई ₹300.
माना की इस साल Company का EBIT (Earning before interest and tax) रहा ₹250.
तो यहाँ ABC Ltd. का ROCE होगा
[RoCE = EBIT / Capital Employed] ₹250 / ₹300 = 83.33%
अगर आप किसी ऐसी Company को देख रहे हैं जिसमे कोई भी Loan नहीं हैं तब आप ROE देख सकते हैं।
लेकिन किसी Company ने Loan ले रखा हैं तो उस Company में ROE गलत या भ्रामक जानकारी भी दे सकता हैं।
इसलिए जिस Company में Debt हैं उस Company में आप हमेशा ROCE ही देखे।
6. Company के Loan को देखें
Share market में Stock चुनते समय Company के ऊपर कितना Loan है ये आपको जरूर देखना चाहिए।
अगर किसी Company के ज्यादा Loan हैं तो उस Loan पर High Interest भी देना होता हैं।
अगर Company लगातार interest का भुगतान करती रहती हैं तो उसके Profit पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता हैं।
इसलिए आप जिस Share में Investment कर रहे हो उस Company के ऊपर कम से कम Loan होना चाहिए।
एक Debt Free Company को आप ज्यादा महत्व दे सकते हैं।
7. Dividend मिलता है या नहीं देखें
जिन Companies की Financial Condition अच्छी होती है और लाभ कमाती हैं।
वह अपने Shareholder को Dividend देती रहती है।
8. Company के Management की जानकारी
किसी भी Company का Management उस Company की आत्मा माना जाता है।
इसलिए आप Share Select करते समय Company के Management के बारे में सही जानकारी जरूर हासिल करें।
9. Shareholding Pattern Check करें
किसी Company का Share Holding Pattern यह दिखाता है कि Company के Share किन-किन व्यक्तियों के पास है।
इसमें आपको देखना है कि Share का कितना हिस्सा Promoters के पास हैं।
Company के Promoters के पास जितना अधिक Share होगा, उतना ही Company के लिए अच्छा होता है।
अगर Promoters के पास ज्यादा Shareholding होगी तो यह माना जाता है कि उन्हें Company के Business में भरोसा है।
Promoters के पास कम से कम 50% Shares तो होने ही चाहिए। अगर यह ज्यादा हो तो और भी बढ़िया माना जाता है।
10. Pledge Share की स्थिति जरूर Check करे
कहीं Company के Share Pledge तो नहीं है यह भी देखें। अगर किसी Company के Stock गिरवी रखें हैं तो आप उसको नजरअंदाज न करें।
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